Monday, June 9, 2025

अन्धविश्वास में गई युवती की जान, मजार के कर्ताधर्ता फरार, अवैध कमाई का था जरिया।

Must Read

गोंडा (उ.प्र.) : विज्ञान की तरक्की ने इंसानी जिंदगी को सुगम बनाया है, इसकी वजह से गंभीर बीमारियों का इलाज भी मुमकिन हुआ है। हालांकि इस जमाने में भी कई ऐसे लोग हैं, जो फर्जी पादरियों, मौलवियों और फकीरों के चक्कर में पड़कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गोंडा जिले का नवाबगंज इसका उदाहरण है। मामला है गोंडा के नवाबगंज थाना क्षेत्र के कनकपुर निवासी एक परिवार की दुखद कहानी सामने आई है। बुखार से पीड़ित कविता (18) को उसके पिता पहले अयोध्या के श्री राम हॉस्पिटल ले गए थे। वहां 12 दिन के इलाज से आराम नहीं मिला। इसके बाद परिजन 3 दिन पहले कविता को गोंडा के दरगाह हजरत गुप्ती शहीद शाह बाबा की मजार पर ले गए थे। इलाज नहीं हो पाने के कारण वो लोग काफी परेशान थे।

नवाबगंज के धर्म पुरवा में स्थित इस मजार पर तीन दिनों तक झाड़-फूंक का सिलसिला चलता। वहीँ कविता की मां राधा भी बृहस्पतिवार से मजार पर मौजूद थी। परिजनों का मानना था कि कविता पर शैतानी साया है। लेकिन कल देर शाम झाड़-फूंक के दौरान ही कविता की मौत हो गई। इस हृदयविदारक मौत के बाद मजार के कर्ताधर्ता मौके से फरार हो गए। नवाबगंज पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कविता लंबे समय से बुखार से पीड़ित थी, जो कि ठीक नहीं हो रही थी। मेडिकल इलाज से आराम न मिलने पर परिजनों ने अंधविश्वास का सहारा लिया। अब परिजनों के पास पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचा है।मजार के कर्ता धर्ता और अध्यक्ष अखलाक अहमद इस घटना के बाद मौके से फरार हो गए हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची नवाबगंज थाने की पुलिस द्वारा मृतक 18 वर्षीय कविता देवी के शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा कराकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पायेगा, वहीँ इस घटना से परिजन गमगीन है। पीड़ित पिता की शिकायत पर नवाबगंज पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दरअसल नवाबगंज गिर्द ग्राम पंचायत के धर्म पुरवा में स्थित मजार पर काफी संख्या में लोग झाड़ फूंक करवाने के लिए आते रहते हैं। यहां पर अक्सर लोगों की भीड़ भी लगी रहती है। बकायदा इस मजार के संचालन के लिए एक समिति भी बनी हुई है। बाहर से आने वाले व्यक्ति मजार में बने ही आवास में रहते हैं और यहीं पर दान भी देते हैं। अगर पीड़ित बाबा मृतक कविता की जो पिता बाबा है, उनकी बात करें तो आर्थिक स्थिति काफी ठीक नहीं है। वह ऑटो चलाते हैं और उनका बेटा गांव में ट्रैक्टर चलाकर के परिवार का भरण पोषण करता है।

मृतक कविता की शादी 1 साल पहले हुई थी :

मामले में सामने आया है कि मृतक कविता की शादी 1 साल पहले लखीमपुर जिले के गोला गोकर्णनाथ गांव निवासी संतोष के साथ हुई थी। ज्यादा पैसा ना होने के कारण वह अयोध्या की श्री राम हॉस्पिटल से रेफर करवा करके दरगाह हजरत मुफ्ती शहीद शाह बाबा मजार पर लेकर के आए हुए थे। यहां के अध्यक्ष अखलाक अहमद द्वारा मजार का और दरगाह का संचालन किया जाता है। वहीँ पीड़ित पिता ने बताया कि – पहले हमारी बेटी की कमर में दर्द था श्री राम अस्पताल में हम इलाज करवाने के लिए लेकर अयोध्या गए हुये थे। 12 दिन वहां पर डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन ठीक नहीं हुआ तो उन लोगों ने कहा कि इसको कुछ शैतानी माया सता रहा है। इसको ले जाकर के दिखाइए। उसके बाद हम इस मजार पर लेकर के गए। वहां पर झाड़ फूंक हुआ और उसके बाद मौत हो गई है। वहां पर हम तीन दिन तक थे। इस तरह पीड़ित परिवार इस सलाह के बारे में डॉक्टरों द्वारा ये सलाह दिए जाने की बात बताई है।

वहीँ पीड़ित पिता ने बताया कि लाश हमारी बेटी की गोंडा में गई हुई है अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं पूरे मामले को लेकर के नवाबगंज थाना अध्यक्ष अभय सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर की पोस्टमॉर्टम के लिए हमने भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो पायेगा। परिजनों ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है।

दो बच्चों की मां को जंजीर से बांधा :

वहीँ इसी मजार का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि सिंधु (20) नाम की युवती को जंजीर से लोहे के खंभे में बांधकर शैतानी साये के काबू में करने की कोशिश की जा रही है। जिसको लेकर बताया जा रहा है कि सिंधु गोंडा जिले के खानपुर बगिया की रहने वाली है और उसकी फैजाबाद में हुई है। साथ ही उसके दो बच्चे भी हैं। यह वीडियो वायरल होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं।

गोंडा जिले के मनकापुर थाना क्षेत्र स्थित सिसवा गांव निवासी रूप नारायण अपनी 25 वर्षीय बहू रुचि को “शैतानी साया” हटवाने के लिए एक मजार पर ले गए हैं। जहां वे एक हफ्ते से अर्जी लगा रहे हैं। वहीं वजीरगंज के कोठा गांव के श्याम नारायण भी इसी मकसद से मजार पर पहुंचे थे। ऐसे ही कई लोग आये दिन मजार पर पहुंचते है।

अंधविश्वास और अवैध कमाई का केंद्र :

इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि यह मजार लगभग 20 साल पुरानी है, लेकिन पिछले 7 सालों से यहां झाड़-फूंक का सिलसिला तेज हो गया है। खासकर कोरोना काल के बाद हर गुरुवार को यहां भीड़ जुटने लगी है।. मजार पर दान-पात्र भी लगाया गया है, जिसमें श्रद्धालु पैसा डालते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, मजार कब्रिस्तान और ग्राम समाज की जमीन पर बनी है। अब यह स्थान आस्था से अधिक अंधविश्वास और अवैध कमाई का केंद्र बनता जा रहा है। साथ ही जानकारी सामने आई है कि मजार के पास झाड़-फूंक के नाम पर अंधविश्वास फैलाया जा रहा है, जहां समिति के अध्यक्ष अखलाक अहमद और दो अन्य लोग मिलकर इलाज के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

यहां बुखार, कैंसर, पेट दर्द, सिरदर्द और संतान संबंधी समस्याओं को ठीक करने का दावा किया जाता है। इलाज के नाम पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के हिसाब से 50 से 1000 रुपये तक ताबीज बेचे जाते हैं। जिसकी खूब बिक्री भी होती है। वहीँ मजार से लगभग 20 मीटर की दूरी पर एक टीन शेड में बड़ा हाल भी बनाया गया है, जहां बीमार लोग कई-कई दिन तक रुकते हैं और गैस सिलेंडर पर खाना बनाकर अंधविश्वास में डूबे रहते हैं। यह स्थान धीरे-धीरे आस्था के बजाय ठगी और भ्रम का केंद्र बनता जा रहा है। इतना ही नहीं एक कमेटी बनाकर आपस में बंटवारा करके मजार पर कब्जा कर लिया गया है। इस तरह यहाँ लोगों को लगातार भ्रमित कर पैसे ऐंठे जा रहे है।

- Advertisement -
    Latest News

    योग के साथ ‘चिंतन शिविर 2.0’ के दूसरे दिन की शुरूआत, CM साय ने मंत्रियों के साथ विभिन्न आसनों का किया अभ्यास

    रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नवा रायपुर परिसर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में मंत्रिमंडल...

    More Articles Like This