जशपुर/कुनकुरी : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” के नारे को उनकी ही विधानसभा कुनकुरी से सीधी चुनौती मिली है। कुनकुरी नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने प्रेसवार्ता कर मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO) प्रवीण उपाध्याय पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
नगर अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दस्तावेजी प्रमाणों के साथ तीन बड़े घोटालों का खुलासा किया और मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप कर CMO को निलंबित करने की अपील की है।
तीन प्रमुख घोटाले उजागर
1. छठघाट तालाब टेंडर घोटाला (राशि – 97.50 लाख रुपए)
नगर अध्यक्ष के अनुसार, पर्यावरणीय संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर 97.50 लाख रुपए का टेंडर जारी किया गया। यह कार्य अनुभवहीन ठेकेदार आर.के. गुप्ता को सौंपा गया। बिना किसी मापन पुस्तिका (MB) के सीधे 48.75 लाख रुपए की पहली किश्त जारी कर दी गई। विनयशील ने इसे सीधा टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन और भ्रष्टाचार करार दिया।
2. CMO की अवैध “हवेली” और गेट मरम्मत विवाद
विनयशील का आरोप है कि CMO प्रवीण उपाध्याय ने पुराने नगर पंचायत कार्यालय पर अवैध रूप से कब्जा कर उसे निजी निवास बना लिया है। उनका बिजली बिल भी नगर पंचायत से अदा किया जा रहा है, जबकि उन्हें सरकारी वेतन के साथ हाउस रेंट अलाउंस भी मिल रहा है। इसके अतिरिक्त, वहां एक गेट की मरम्मत के नाम पर 1.48 लाख रुपए खर्च किए गए, जिसकी ऊंचाई 30 मीटर दर्शाई गई है। नगर अध्यक्ष ने इस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि यह गेट “सम्राट अशोक के किले” से भी ऊंचा बताया गया है।
3. प्लेसमेंट कर्मचारी घोटाला (राशि – 1.5 करोड़ रुपए)
नगर पंचायत के कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु प्लेसमेंट व्यवस्था में भी बड़े घोटाले का आरोप है। विनयशील के अनुसार, स्वीकृत 60 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए कर दिया गया। टेंडर एक वर्ष के लिए होना था लेकिन उसे दो वित्तीय वर्षों के लिए जारी किया गया। इतना ही नहीं, विवाद की स्थिति में निर्णय का अधिकार नगर पंचायत भटगांव को दिया गया, जो कि कुनकुरी से संबंधित नहीं है।
मुख्यमंत्री से सार्वजनिक अपील
प्रेसवार्ता के अंत में नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अपील की:
“यह आपकी ही विधानसभा का इकलौता नगर पंचायत है। यहां हो रहे खुलेआम भ्रष्टाचार से जनता का विश्वास डगमगा रहा है। यदि आप वास्तव में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अमल कर रहे हैं, तो प्रवीण उपाध्याय को तुरंत निलंबित करें और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें दोबारा CMO का प्रभार न मिले।”
सोशल मीडिया और जनचर्चा में गर्माया मामला
नगर अध्यक्ष द्वारा प्रेसवार्ता में जारी किए गए पोस्टरों में “गरीब नगर पंचायत का अमीर CMO और ठेकेदार” जैसे वाक्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। यह मामला जनमानस में चर्चा का विषय बन चुका है और स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।