Tuesday, June 10, 2025

कोरबा : कोल स्टॉक में मारपीट के बाद अब लागू होगी गेटपास व्यवस्था

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कोरबा : साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड गेवरा क्षेत्र की गेवरा माइंस के कोल स्टॉक बी-2 में दो गुटों में हुई मारपीट के बाद कई प्रकार के सवाल खड़े हुए हैं। इसके साथ ही जवाबदेही तय करने पर भी दबाव बना हुआ है। कर्मचारियों से लेकर ट्रांसपोर्टर के स्टाफ में बने हुए भय को दूर करना जरूरी हो गया है। इधर सीआईएसएफ ने सुरक्षा के मसले पर प्रबंधन से बात की है। कहा गया कि जल्द ही गेटपास सिस्टम लागू किया जाएगा जिससे कि गैरजरूरी लोगों के प्रवेश को सख्ती से रोका जा सके।

गेवरा माइंस दुनिया की दूसरी बड़ी ओपन माइंस है। एसईसीएल में यह अव्वल दर्जे की है। लगातार कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ विभिन्न उपभोक्ताओं की जरूरत यहां से पूरी हो रही है। रोडसेल से दिया जाने वाले कोयला के जरिए कोल लिफ्टर्स और उस पर आश्रित लोगों की जीविका चल रही है और जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। इन सबके बीच ज्यादा कमाने के होड़ के फेर में अनापेक्षित प्रयास भी किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में गेवरा के बी-2 कोल स्टॉक में हाल के दिनों में मारपीट हुई। जिसमें रूंगटा से जुड़े दो कामगार बुरी तरह से जख्मी हो गए। दीपका पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। घटनाक्रम में खदानों में कोयला का उठाव किए जाने और सुरक्षा से संबंधित मसलों को लेकर चिंता जताई जा रही है। भय के बीच काम हो रहा है लेकिन हर किसी को जीवन की चिंता ज्यादा है, और यह स्वाभाविक भी है।

खबर के अनुसार गेवरा माइंस के कोल स्टॉक में वर्ष 2025 के सबसे बड़े हिंसक घटनाक्रम की खबर कोल इंडिया के साथ-साथ सरकार तक पहुंची है। अलग-अलग माध्यम से होकर जो चीजें अधिकारियों के पास गई है उससे स्थिति गंभीर हो गई। बताया गया कि प्रबंधन का सिरदर्द इससे बढ़ा है। सीआईएसएफ की ओर से सुरक्षा की मजबूती को लेकर प्रबंधन को अहम सुझाव दिए गए हैं और उन पर अमल करने को जरूरी बताया गया है। सूचनाओं में कहा गया कि प्रबंधन को गेवरा माइंस के विभिन्न कोल स्टॉक में काम करने वाले पात्र लोगों के मामले में अलग से गेटपास जारी करना होगा। ऐसा होने पर विधिवत पहचान हो सकेगी कि स्पेसिफिक एरिया में जो लोग काम कर रहे हैं वे सत्यापित हैं। गेटपास होने से दूसरे गैर जरूरी पहुंच रोकी जा सकेगी। प्रबंधन ने इस सुझाव को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया है और यथाशीघ्र अलग-अलग स्पॉट पर काम करने वाले कोल लिफ्टर्स व संबंधितों की सूची उपलब्ध कराने की बात कही है।

लिस्ट मिलने के साथ होगा काम
सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन से उपरोक्त विषय के अंतर्गत लोडिंग प्वाइंट में काम करने वाले मान्य लोगों की लिस्ट मिलने के साथ इसे सत्यापित करेंगे और फिर गेटपास जारी किया जाएगा। इसी आधार पर आगे इन स्थानों से कोयला का उठाव कराने की अनुमति दी जाएगी। अनापेक्षित घटनाओं को रोकने का यह एक जरिया हो सकता है। लगातार देखने को मिल रहा है कि मौके पर मुंशी से लेकर कई अन्य लोग पहुंच जाते हैं और जिसके बाद विवाद की स्थिति निर्मित होती है।

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