कोरबा जिले में राताखार बायीं तट नहर के दोनों ओर तटबंध की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है। यह स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि अब कोरबा की आम जनता के लिए इस नहर से पानी लेना भी कठिन होता जा रहा है। नहर के किनारे कई स्थानों पर मिट्टी खिसक चुकी है और टूट-फूट से नहर के अस्तित्व पर ही संकट मंडरा रहा है।


केवल राताखार ही नहीं, बल्कि कोरबा शहर के अन्य हिस्सों में भी नहरों की हालत लगभग एक जैसी हो चुकी है। नहरें, जो शहरवासियों के जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्यों जैसे – नहाने, पानी भरने व कृषि कार्यों में उपयोग होती थीं, अब उपेक्षा का शिकार हैं।

सिर्फ नहरें ही नहीं, कोरबा शहर की सड़कों की हालत भी बेहद खराब है। जगह-जगह गड्ढे, उखड़ी सड़कों और जलजमाव की स्थिति ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। अब जबकि महज एक महीने के भीतर मानसून दस्तक देने वाला है, तो यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर इनका मेंटेनेंस कब होगा?

कोरबा की जनता जिला प्रशासन से अपील करती है कि नहरों और सड़कों के मेंटेनेंस पर तुरंत ध्यान दिया जाए और युद्ध स्तर पर काम शुरू किया जाए, ताकि आने वाले समय में किसी बड़ी समस्या से बचा जा सके।


JB News Korba के लिए मनीष जायसवाल की रिपोर्
