कोरबा, छत्तीसगढ़। कोरबा जिले में राशन वितरण प्रणाली को लेकर लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में कुल 553 राशन दुकानें हैं, जिनमें से 120 दुकानें केवल कोरबा शहर में स्थित हैं। लेकिन इन दुकानों में अब भी पुराने राशन कार्ड के आधार पर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है, जिससे आमजन को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर निगम के अधिकारी नए राशन कार्ड (पीडीएफ फॉर्मेट) को लेकर सिर्फ आश्वासन देते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि “नई पीडीएफ अभी तक नहीं आई है, जैसे ही आएगी, लोगों को नए राशन कार्ड दे दिए जाएंगे।” लेकिन महीनों से यही बयान दोहराया जा रहा है, और लोग लगातार निगम कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
शहरी ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही हाल है। पूरे जिले में हजारों की संख्या में लोग अपने पुराने, फटे-पुराने या त्रुटिपूर्ण राशन कार्डों के बदले नए कार्ड पाने के लिए परेशान हैं। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद भी समाधान नहीं हो रहा है।
जनता का आरोप है कि निगम और खाद्य विभाग के बीच तालमेल की कमी के चलते कार्ड वितरण की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि जब वे पूछताछ के लिए कार्यालय जाते हैं, तो उन्हें टालने वाला रवैया देखने को मिलता है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
अधिकारियों का कहना है कि राज्य स्तर से जब तक नए कार्ड की पीडीएफ उपलब्ध नहीं कराई जाती, तब तक वे कुछ नहीं कर सकते। इस बीच लोगों को पुराने कार्ड से ही खाद्यान्न लेने की सलाह दी जा रही है, लेकिन इससे पात्रता और पहचान संबंधी समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
जनता की मांग:
- जल्द से जल्द नए राशन कार्ड जारी किए जाएं
- प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया जाए
- शिकायतों का समाधान समय पर किया जाए
सरकार और प्रशासन से अपील है कि राशन कार्ड जैसी जरूरी सेवा में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कार्रवाई करें, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।