कोरबा। कटघोरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत गंगदेई में इस बार आश्रित ग्राम भाठीकुड़ा से सरपंच निर्वाचित होने की सजा सैकड़ों हितग्राहियों को मिल रही है। चुनाव में मिली हार की खीझ हितग्राहियों पर निकालते हुए पीडीएस संचालनकर्ता पूर्व सरपंच ने हितग्राहियों से 3 से 5 माह का बायोमैट्रिक्स थंब इम्प्रेशन लेकर खाद्यान्न वितरण ही नहीं किया। पूर्व सरपंच की दबंगई चावल नहीं मिलने से व्यथित एवं आक्रोशित हितग्राहियों ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर खाद्य विभाग की अनदेखी पर नाराजगी जताई। डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा ने ज्ञापन लेते हुए जांच कर त्वरित खाद्यान्न वितरण का आश्वासन दिया है।

जिले में खाद्य विभाग के निरीक्षकों के निरीक्षण में सुस्ती की वजह से पीडीएस में खाद्यान्न सामाग्री वितरण में अनियमितता के मामले नहीं थम रहे। शुक्रवार को ऐसा ही मामला कटघोरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत गंगदेई के आश्रित ग्राम भाठीकुड़ा से आया। जहाँ भाठीकूड़ा के हितग्राहियों ने
पूर्व सरपंच पर 3 से 5 माह तक
बायोमेट्रिक्स थंब इम्प्रेशन लेने के बाद भी खाद्यान्न नहीं मिलने का आरोप लगा कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया था। हितग्राही दुर्गा यादव समेत अन्य ने बताया कि उन्हें 3 से 5 माह तक का खाद्यान्न सामाग्री नहीं मिला है। हितग्राहियों ने दबी जुबान बताई कि पांच पंचवर्षीय कार्यकाल (25 साल) बाद इस बार आश्रित ग्राम भाठाकुड़ा से सरपंच निर्वाचित हुए हैं।पीडीएस संचालनकर्ता गंगदेई निवासी पूर्व सरपंच ने भी चुनाव में भाग लिया था,लेकिन वे हार गए।
लिहाजा उन्होंने खीझ वश हम गरीब हितग्राहियों के कोटे का खाद्यान्न दबा दिया है। डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा ने ज्ञापन लेते हुए जांच कर त्वरित खाद्यान्न वितरण का आश्वासन दिया है। बहरहाल हाल ही में इसी तरह की शिकायत के एक और मामले में प्रशासन की जांच में शिकायत सही पाई गई थी। लगातार दूसरी शिकायत ने खाद्य विभाग की मॉनिटरिंग में ढिलाई की पोल खोल दी है। जिसका खामियाजा गरीब हितग्राहियों को झेलना पड़ा है। छत्तीसगढ़ की पीडीएस सिस्टम की पूरे देश में डंका बजता है ऐसे में इसे सुदृढ़ ,पारदर्शी ,विश्वनीय बनाए रखने की महती जिम्मदारी ही संबंधित विभाग की है।

जांच के आदेश दिए हैं
मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
सहायक खाद्य अधिकारी,खाद्य निरीक्षक कल मौके पर जाकर प्रकरण की जांच सुनिश्चित करेंगे।
जी .एस. कंवर ,खाद्य अधिकारी