Friday, April 25, 2025

नवा रायपुर जू में दस्तक देने से पूर्व हिमालयन भालू की मौत, आवाजाही में जुटे अमले की गैर-जिम्मेदारी को लेकर बवाल, नागालैंड से सही-सलामत भेजे गए भालू की बीच रास्ते में मौत से पर्यावरण प्रेमियों को झटका….

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कोहिमा/रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित जंगल सफारी के लिए नागालैंड के धीमापुर जू से भेजे गए नर-मादा भालू की जोड़ी टूट गई है। दरअसल, दावा किया जा रहा है कि नवा रायपुर जंगल सफारी में लाए जा रहे हिमालयन भालू की गर्मी से मौत हो गई। नर-मादा का यह जोड़ा एक वाहन में बर्फ की सिल्ली में रखकर लाया जा रहा था। इसकी आवाजाही में जुटे कर्मियों का दावा है कि पश्चिम बंगाल के रास्तों पर विभिन्न चेक पोस्ट में 6 अलग-अलग जगह वाहन जांच के लिए रोका गया था।

उनका यह भी दावा है कि दस्तावेज दिखाने के बावजूद बैरियर कर्मियों ने कहीं 2 घंटे तो कहीं 3 घंटे तक वाहन रोके रखा। उनके मुताबिक इस वजह से जलपाईगुड़ी से किशनगंज बिहार तक 200 किमी का सफर तय करने में 16 घंटे लगे और बर्फ पिघल गई। नतीजतन, नर भालू गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और वह बीमार पड़ गया। इलाज के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक वन विभाग की टीम 20 फरवरी को इस भालू का शव लेकर रायपुर पहुंची थी। पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। जबकि जीवित मादा हिमालयन भालू को क्वारंटाइन रखा गया है। दावा किया जा रहा है कि उसकी देखभाल की जा रही है। नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी में वन्य जीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहाँ दूर-दूर से लोग वन्य जीवों को करीब से देखने के लिए आते है। बताते है कि हिमालयन भालू का जोड़ा लाने के लिए धीमापुर जू से नवा रायपुर जू के बीच एक अनुबंध हुआ था। इसके तहत रायपुर से डॉक्टरों समेत वन विभाग की एक टीम 5 चीतल, 9 ब्लैक बग और 5 स्याही लेकर धीमापुर रवाना हुई थी।

यहाँ सभी वन्य प्राणियों को सुरक्षित पहुंचाने के बाद इस टीम ने हिमालयन भालू का जोड़ा अपने सुपुर्द लिया था। धीमापुर वन कर्मियों के सहयोग से रायपुर गंतव्य पर रवाना होने से पूर्व इस भालू के जोड़े को अपेक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए बर्फ की सिल्लियों का इंतजाम किया गया था। सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि गंतव्य से रायपुर की निर्धारित दूरी तय करते वक़्त वाहन सवार कर्मियों ने पिघलते बर्फ पर ना तो अपनी नजर रखी और ना ही मार्ग पर समुचित बर्फ समय पर मुहैया कराने के लिए कोई बंदोबस्त किया गया। इसके चलते भालू के जोड़े को बगैर बर्फ के ही शेष सफर तय करना पड़ा। 

उधर नर भालू की मौत की खबर विभागीय अमले में फ़ैलने के 2 दिन बाद इसका खुलासा किया गया। घटना सामने आने के बाद जंगल सफारी के एमडी धमशील गणवीर का दावा है कि भालू की रास्ते में गर्मी से तबीयत बिगड़ी, रास्ते भर उसका इलाज किया गया, इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। टीम के डॉक्टरों और अन्य स्टाफ ने यहां रायपुर में सूचना दी। उनके मुताबिक एक अन्य हिमालयन भालू लाने का प्रयास करेंगे। उधर इस भालू की मौत को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है। पर्यावरणविदों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि सफर के दौरान हिमालयन भालू का ध्यान नहीं रखा गया। 

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