नई दिल्ली। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहराता दिख रहा है। इसी बीच पाकिस्तान ने कराची तट से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण कर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। इस कदम के तुरंत बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने अत्याधुनिक युद्धपोत INS सूरत से मीडियम रेंज सर्फेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) का सफल परीक्षण किया।
INS सूरत से दागी गई मिसाइल ने लक्ष्य को हवा में किया ध्वस्त
भारतीय नौसेना द्वारा अरब सागर में किए गए इस परीक्षण में MRSAM मिसाइल को एक हवाई लक्ष्य पर दागा गया, जिसने अपने लक्ष्य को हवा में ही सटीकता से नष्ट कर दिया। यह मिसाइल प्रणाली भारत और इज़राइल की संयुक्त परियोजना है, जिसे DRDO और IAI (इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री) ने मिलकर विकसित किया है। यह मिसाइल प्रणाली दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन और एंटी-शिप मिसाइलों को 70 किलोमीटर तक की दूरी से ही मार गिराने में सक्षम है।
INS सूरत: स्वदेशी तकनीक से बना शक्तिशाली युद्धपोत
INS सूरत, विशाखापत्तनम-क्लास डिस्ट्रॉयर श्रेणी का युद्धपोत है, जिसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित किया गया है। यह जहाज उन्नत रडार, सेंसर और आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस है। इसमें मल्टी-फंक्शन रडार, ट्रैकिंग सिस्टम और अत्याधुनिक कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है, जो किसी भी हवाई खतरे को तुरंत पहचान कर कार्रवाई करने में सक्षम है।
सामरिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक
MRSAM मिसाइल प्रणाली का यह परीक्षण भारत की वायु रक्षा क्षमता को एक नई ऊंचाई प्रदान करता है और साथ ही देश की सैन्य आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है। यह परीक्षण ऐसे समय पर किया गया है जब देश एक ओर आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है और दूसरी ओर सीमाओं पर सैन्य दबाव भी बना हुआ है।