कोरबा: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ई बस योजना के तहत कोरबा को भी 40 ई बस मिलने जा रही है. निगम प्रशासन की मानें तो जल्द यह बस कोरबा पहुंच सकती हैं.
ई बस योजना से फायदा: कोरबा देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल है. ठंड के मौसम में यहां का एक्यूआई लेवल 300 तक भी दर्ज किया गया है. ऐसे में प्रदूषण से हांफते कोरबा में प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में ई बस योजना काफी कारगर साबित होगी.

सार्वजनिक यात्री परिवहन और प्रदूषण दोनों दिशा में होगा काम: राज्य में प्रदूषण कम करने और सार्वजनिक यात्री परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में यह काफी महत्वपूर्ण कदम है. राज्य के चार बड़े शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा में ई-बस सेवा शुरू होगी.
लोगों को मिलेगा फायदा: पीएम ई-बस योजना के तहत इन शहरों में कुल 240 ई-बसें चलेंगी. इस पहल से नागरिकों को सस्ती, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सुविधा मिलेगी. कोरबा के लिए 40 ई-बसों की मंजूरी दी गई है.

40 ई बसों की स्वीकृति: नगर पालिका निगम के आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि कोरबा में सर्वमंगल कोरबा थीम के तहत हम विभिन्न काम कर रहे हैं. जिसके तहत हम शहर के चहुंमुखी विकास की योजना बना रहे हैं. पीएम ई बस योजना के तहत कोरबा जिले को 40 ई बसों की स्वीकृति मिली है. जल्द ही इसकी आपूर्ति होगी.
यात्रीं सुविधा में होगा इजाफा: कोरबा जैसे प्रदूषित शहर के लिए यह कदम नागरिकों को पर्यावरण के अनुकूल, सस्ता और विश्वसनीय यात्री परिवहन सुविधा प्रदान करेगा, जिससे सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर सूडा और जिला स्तर पर शहरी लोक सेवा सोसायटी को नोडल एजेंसी के रूप में दायित्व सौंपा जाएगा.
हरित कोरबा अभियान को मिलेगा बढ़ावा: नगर पालिका निगम द्वारा हरित कोरबा प्रदूषण मुक्त कोरबा का अभियान भी चलाया जा रहा है. जिसे सर्वमंगल कोरबा का नाम दिया गया है. ई बसों के आने से इस थीम को भी बढ़ावा मिलेगा.

हरित कोरबा: नगर पालिका निगम के आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि ई बस से प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. इससे हमारे प्रदूषण मुक्त कोरबा के अभियान को बढ़ावा मिलेगा. हमारा प्रयास है कि कोरबा को प्रदूषण मुक्त करते हुए एक व्यवस्थित और हरित कोरबा बनाया जाए.
कई रूट ऐसे जहां सिटी बस के सुविधा भी बंद: कोरबा जिले और शहर में कई रूट ऐसे हैं, जहां सार्वजनिक यात्री सुविधाओं की आवश्यकता है. कोरोनाकाल के बाद सिटी बसों का भी नियमित तौर पर संचालन नहीं किया जा रहा है.
यात्री परिवहन में होगा इजाफा: उपनगरीय क्षेत्र कुसमुंडा, गेवरा, बांकीमोंगरा, दर्री और रजगामार से बड़े पैमाने में लोग शहर आते हैं. फिर चाहे वह रोजमर्रा के कामकाजी लोग हो या फिर नौकरी पेशा युवा और कॉलेज जाने वाले छात्र सभी सार्वजनिक यात्री परिवहन की लचर व्यवस्था से जूझते हैं.
कम किराए में सफर होगा आसान: शाम को 6 बजे के बाद शहर से उपनगरीय क्षेत्र की ओर जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधा एक तरह से ठप हो जाती है. ऑटो और इस तरह के निजी वाहनों को महंगा किराया देना पड़ता है. रेलवे स्टेशन से भी अपने गंतव्य तक जाने के लिए पर्याप्त वाहनों के सुविधा नहीं मिल पाती. ऐसे में ई बस शुरू होती हैं, तो लोगों को राहत मिलेगी.