Tuesday, June 10, 2025

भारत में द वायर की वेबसाइट पर प्रतिबंध: प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला…

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दिल्ली, 10 मई 2025: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच स्वतंत्र समाचार वेबसाइट द वायर ( thewire.in ) को भारत सरकार ने पूरे देश में ब्लॉक कर दिया है। इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) ने बताया कि यह कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के आदेश पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत की गई है। द वायर ने इस कदम को संविधान द्वारा प्रदत्त प्रेस की स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लंघन करार देते हुए इसे “मनमानी और अस्पष्ट सेंसरशिप” बताया है।द वायर ने अपने बयान में कहा, “यह सेंसरशिप ऐसे नाजुक समय में की गई है, जब सत्य, निष्पक्ष और तार्किक समाचार स्रोत भारत की सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम इस मनमाने कदम को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी कदम उठा रहे हैं।” संगठन ने अपने पाठकों से पिछले 10 वर्षों के समर्थन के लिए आभार जताया और आह्वान किया कि वे इस कठिन समय में साथ खड़े रहें।यह कार्रवाई भारत-पाकिस्तान तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ती सूचना नियंत्रण की घटनाओं का हिस्सा प्रतीत होती है। हाल ही में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X ने बताया कि सरकार के आदेश पर 8,000 से अधिक खातों को भारत में ब्लॉक किया गया, जिनमें मकतूब मीडिया, द कश्मीरियत, और फ्री प्रेस कश्मीर जैसे स्वतंत्र मीडिया संगठनों के खाते शामिल हैं।द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने X पर लिखा कि कुछ उपयोगकर्ता अभी भी वेबसाइट तक पहुंच बना पा रहे हैं, लेकिन ब्लॉक धीरे-धीरे पूरे देश में लागू हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वीपीएन के माध्यम से वेबसाइट अभी भी उपलब्ध है और जल्द ही एक मिरर साइट लॉन्च की जाएगी।प्रेस स्वतंत्रता पर व्यापक चिंताइस घटना ने प्रेस स्वतंत्रता को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। डिजिपब, स्वतंत्र डिजिटल समाचार संगठनों का समूह, ने ब्लॉक को “प्रेस स्वतंत्रता पर खुला हमला” करार दिया। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स, और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने संयुक्त बयान में कहा कि ऐसी कार्रवाइयां “लोकतांत्रिक विमर्श को कमजोर करती हैं।”इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (आईएफएफ) के निदेशक अपार गुप्ता ने बताया कि ब्लॉकिंग आदेश में पारदर्शिता की कमी है, जो डिजिटल सेंसरशिप के व्यापक पैटर्न को दर्शाता है।इसी तरह की घटनाएंद वायर का मामला हाल के महीनों में स्वतंत्र मीडिया पर बढ़ते दबाव का हिस्सा है। फरवरी 2025 में, तमिल पत्रिका आनंद विकटन की वेबसाइट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यंग्यात्मक कार्टून प्रकाशित करने के लिए ब्लॉक किया गया था। इसी तरह, उत्तर प्रदेश की समाचार संस्था 4पीएम न्यूज का यूट्यूब चैनल ब्लॉक होने के बाद इसके संपादक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, जहां वे तर्क दे रहे हैं कि बिना संवैधानिक उल्लंघन के केवल सत्तापक्ष की आलोचना करने वाली खबरों के आधार पर ब्लॉकिंग गैरकानूनी है।सरकारी मौनखबर लिखे जाने तक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय या सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुछ रिपोर्ट्स में मंत्रालय के एक अनाम अधिकारी ने दावा किया कि “राष्ट्रीय हित और एकता” को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की गई, लेकिन विशिष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया गया।निष्कर्षद वायर का ब्लॉक होना भारत में प्रेस स्वतंत्रता के लिए एक चिंताजनक संकेत है, खासकर ऐसे समय में जब देश तनावपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति का सामना कर रहा है। स्वतंत्र पत्रकारिता पर बढ़ता दबाव और पारदर्शिता की कमी लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर सकती है। द वायर ने अपने बयान में कहा, “सत्यमेव जयते,” और यह स्पष्ट किया कि वे सच्चाई को सामने लाने के अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे

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