बिलासपुर : बिना ई – वे बिल के माल परिवहन करना मना है, इअसे में सेंट्रल जीएसटी की क्षेत्रीय इकाई। टीम ने 4 ट्रकों में भरे लाखों रुपए के अवैध माल को जब्त किया है। इन चारों ट्रकों में लगभग 170 मीट्रिक टन टीएमटी बार (सरिया), एमएस एंगल और एमएस पाइप जैसे सामान शामिल हैं, लाखों का यह माल बताया गया है। यह चारों ट्रक रायपुर से मंडला और जबलपुर जा रहे थे। इनमें से किसी भी ट्रक के पास कोई कागजात नहीं थे। यह माल फर्जी ई-वे बिल और बिना ई-वे बिल के भेजा जा रहा था। जीएसटी की टीम मामले में आगे की कार्यवाही करते हुए ट्रांसपोर्टर, ट्रक मालिक और व्यापारियों को नोटिस जारी कर रही है। इसमें 46 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है। ड्राइवरों ने माना कि उनके पास कोई कागजात नहीं थे और पहले भी कई बार ऐसे ट्रक रायपुर से एमपी भेजे गए हैं। फिलहाल सभी चार ट्रक व्यापार विहार स्थित जीएसटी भवन के सामने खड़े किए गए हैं और मामले की जांच जारी है।
वहीँ इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि डीजीजीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) क्षेत्रीय यूनिट बिलासपुर को सूचना मिली थी कि कई ट्रक बिना वैध कागजात के छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश की ओर जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, यह माल फर्जी ई-वे बिल और बिना ई-वे बिल के भेजा जा रहा था। क्षेत्रीय यूनिट की टीम ने कवर्धा रोड में ट्रकों की जांच करते हुए अवैध माल को पकड़ा गया है। जब्त किए गए माल में टीएमटी बार (सरिया), एमएस एंगल और एमएस पाइप जैसे सामान शामिल हैं। टीम ने सभी 4 ट्रकों को अपने कब्जे में ले लिया है और मामले में आगे की कार्यवाही कर रही है।
यह है ई वे बिल :
अधिकारियों के मुताबिक ई-वे बिल, जिसे इलेक्ट्रॉनिक वे बिल भी कहा जाता है, एक ऐसा दस्तावेज है जो 50 हजार रुपए से अधिक मूल्य के माल के परिवहन के लिए आवश्यक है, चाहे वह राज्य के भीतर हो या राज्य के बाहर। ई-वे बिल की सीमा 50 हजार रुपए है, जिसका अर्थ है कि ट्रांसपोर्ट किए गए सामान की वैल्यू एक ही इनवॉइस के भीतर 50 हजार रुपए से अधिक होने पर ई-वे बिल जनरेट किया जाना चाहिए, ऐसे में कार्यवाही की गुंजाईश रहती है। ई-वे बिल को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन बनाया जा सकता है। इसका उद्देश्य टैक्स की चोरी को रोकना और टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता लाना है। इस ई-वे बिल में माल का विवरण, परिवहन विवरण, और आपूर्तिकर्ता, प्राप्तकर्ता और परिवहनकर्ता के जीएसटीआईएन सहित महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है। इसकी वैधता यात्रा की गई दूरी पर निर्भर करती है। जिसके आधार पर माल का परिवहन किया जा सकता है।
मंडला और जबलपुर जा रहा था माल :
जिन चार ट्रकों को माल सहित पकड़ा गया है वे अलग-अलग ट्रांसपोर्ट की है। यह सारा सामान रायपुर से मंडला और जबलपुर जा रहा था। इसमें से एक गाड़ी मां शारदा रोडवेज रायपुर की, दूसरी गाड़ी वारसी रोड लाइंस दमोह (मप्र) की, तीसरी गाड़ी न्यू निर्मल रोडवेज मंडला (मप्र) की और चौथी गाड़ी एसआर ट्रेडिंग कंपनी सागर (मप्र) की है। एक ट्रक के ड्राइवर और हेल्पर ने बताया कि चार दिन पहले गाड़ियों को पकड़ा गया है। दोनों ने स्वीकार भी किया कि किसी भी गाड़ी के पास कोई कागजात नहीं है और पहले भी इस तरह के कई ट्रकों में माल रायपुर से मध्यप्रदेश जा चुका है, जो कि मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
इन ट्रकों से पकड़ा गया माल :
- मां शारदा रोडवेज, रायपुर
- वारसी रोड लाइंस, दमोह (म.प्र.)
- न्यू निर्मल रोडवेज, मंडला (म.प्र.)
- एसआर ट्रेडिंग कंपनी, सागर (म.प्र.)