कोरबा। जिले में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस ने कमर कस ली है। सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अब अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए ओवरस्पीडिंग पर नकेल कसी जा रही है।
प्रमुख मार्गों पर हाई-टेक डिजिटल उपकरणों के जरिए यातायात पुलिस निगरानी कर रही है और गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस मुख्यालय ने कोरबा ट्रैफिक पुलिस को विशेष स्पीड डिटेक्शन डिवाइस उपलब्ध कराए हैं, जो निर्धारित गति सीमा से अधिक तेजी से चलने वाले वाहनों को रडार के जरिए तुरंत पकड़ लेते हैं। स्टेट और नेशनल हाईवे सहित विभिन्न सड़कों के लिए तय गति सीमाओं का उल्लंघन करने वाले वाहनों का डेटा सुरक्षित किया जा रहा है। इसके आधार पर चालकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं और कई मामलों में मौके पर ही चालान भी काटा जा रहा है।
ट्रैफिक पुलिस न केवल ओवरस्पीडिंग पर कार्रवाई कर रही है, बल्कि जन जागरूकता के लिए भी कदम उठा रही है।
स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर ट्रैफिक जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया के माध्यम से भी लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में एएसआई ईश्वरी लहरे, पुलिस आरक्षक संतोष देवांगन, मेहमान कुर्रे और कृष्णा भारद्वाज सक्रिय रूप से शामिल हैं।
पिछले वर्ष कोरबा जिले में सड़क हादसों में 750 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि घायलों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।