Wednesday, June 11, 2025

सर्वमंगला मां के दरबार का दर्शन गुफा का अस्तित्व खतरे में 500 साल पहले के पेड़ पर बनी श्रद्धालुओं की आस्था होती है मन्नते पूरी देखें वीडियो

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कोरबा।  हम कोरबा के वासी है, जिसे मां सर्वमंगला की नगरी कहा जाता है. इसका निर्माण प्राचीन काल में हुआ था. पुरानी मान्यता है कि मंदिर आकर माथा देखने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है. मां की महिमा नवरात्रि में ज्यादा होती है. जिसके कारण श्रद्धालु यहां अधिक तादात में आते हैं. न सिर्फ कोरबा, बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग यहां आते हैं.”

सर्वमंगला कोरबा जिले के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। इस मंदिर की देवी दुर्गा है। यह मंदिर कोरेश के जमींदार में से एक राजेश्वर दयाल के पूर्वजों द्वारा बनाया गया था। मंदिर त्रिलोकिननाथ मंदिर, काली मंदिर और ज्योति कलाश भवन से घिरा हुआ है। वहाँ भी एक गुफा है, जो नदी के नीचे जाता है और दूसरी तरफ निकलता है। रानी धनराज कुंवर देवी को मंदिर में अपनी दैनिक यात्रा के लिए इस गुफा के लिए इस्तेमाल किया गया था।

भारत में शहरों और नदियों को देवी देवताओं के नाम से जाना जाता है. प्राचीन मान्यता है कि हर गांव की एक कुल देवी या देवता होते हैं. जो गांव की बाहरी विपदाओं से रक्षा करते हैं. इसी तरह कोरबा को भी मां सर्वमंगला की नगरी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि सर्वमंगला मंदिर में पूरी श्रद्धा के साथ जो श्रद्धालु माथा टेकते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.

मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने की परंपरा: यहां पीपल के पेड़ पर नारियल बांधने की परंपरा हो या फिर मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने की मान्यता. यही वजह है कि हर साल जब नवरात्रि आती है, तब कुछ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने के लिए विदेशों से भी अर्जियां आती हैं. इस साल सर्वमंगला में 10000 से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं. इस साल 3 मनोकामना ज्योति कलश के लिए रसीद अमेरिका से काटे गए हैं.

ज्योति कलश पर महंगाई का नहीं असर: आज महंगाई अपने चरम पर है. तेल और घी की कीमतें भी आसान छू रही हैं. बावजूद इसके मां सर्वमंगला के प्रति लोगों की आस्था ज्यों कि त्यों है. जबकि तेल वाले 10500 रुपये और घी वाले 1500 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किया गए हैं. इन ज्योति कलश को 9 दिन 24 घंटे प्रज्वलित किया जाता है. इसके लिए बाकायदा मंदिर प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. जो दीपक को बुझने नहीं देते. लगातार दीये में तेल भरते रहते हैं. जिससे की ज्योति कलश 9 दिन तक जलते रहते हैं.

माँ सर्वमंगला देवी के दरबार में स्थानीय जसगीत कलाकारों की भक्तिमय प्रस्तुति से बना माहौल
दुर्गाष्टमी के शुभ अवसर पर कोरबा जिले के स्थानीय कलाकारों ने निःस्वार्थ भाव से माँ के चरणों में अपने स्वरों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया
मुख्य रूप से अंचल के कलाकारों में सोनू भाटिया, बसंत वैष्णव,अश्वनी श्रीवास, दिनेश  सिहं ,कृष्णा चौहान,अजय ,डी पी एस बाल्को की हिंदी की शिक्षिका अर्चना साहू ने अपनी मधुर आवाज़ से भक्तों को रिझाया l देर रात लगभग 12.30 बजे तक कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई l माँ सर्वमंगला मंदिर समिति के राजपुरोहित नमन पांडेय व मंयक पाण्डेय के द्वारा समस्त जसगीत कलाकारों को माँ के आशीर्वाद स्वरूप चुनरी पहनाकर स्वागत किया गया l संगीतकारों में जयेश पांचाल, राहुल साहू, अजय एवं आकाश नायक सूरज चौहान एंव ज्योती दास ने विशेष सहयोग प्रदान कर कार्यक्रम को यादगार बना दिया l सभी कलाकारों ने शारदेय नवरात्र एवं चैत्र नवरात्र में एक दिन निःस्वार्थ सेवा करने का संकल्प लिया और कहा कि हम आज जो कुछ भी हैं माँ की कृपा से ही हैं इसलिए हम सभी एक दिन की सेवा हर नवरात्र में करने का वचन देते हैं

हमारे प्राचीन गुफा सर्वमंगला की पुरानी गुफा जिसकी प्रसिद्ध दूर-दूर तक फैली हुई है आज इसका अस्तित्व खतरे में पड़ी हुई है यहां पानी भरा हुआ है इस और पुरातत्व विभाग  का कोई ध्यान नहीं है   इस गुफा की पुरानी मान्यताएं हैं कहा जाता था की रानी धन कुंवर इसी गुफा के द्वारा आना-जाना किया करती थी आज इस गुफा में जल भरा हुआ है जिससे उसका अस्तित्व नष्ट होता नजर आता है। इस और सभी को ध्यान देने की आवश्यकता है।

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