नई दिल्ली । पहलगाम में आतंकी हमले के बाद 22 अप्रैल (घटना वाले दिन) को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने पूरी रात खौफ के साये में काटी। पाकिस्तान को भारत की ओर से जवाबी हमले का खतरा सता रहा है।
सूत्रों के अनुसार आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने मंगलवार शाम तीनों फोर्स के कमांडरों की बैठक ली। 18 फाइटर जेट कराची एयरबेस से भारत से लगती सीमा की ओर एयरफोर्स स्टेशनों पर भेजे गए हैं। ये स्टेशन लाहौर और रावलपिंडी में हैं। पता चला है कि ये सभी 18 जेट चीन निर्मित जेएफ-17 हैं।
आर्मी चीफ मुनीर को भारत की ओर से पीओके (पाक के कब्जे वाला कश्मीर) में स्ट्राइक के खतरे का डर है। यहां पर लश्कर के लॉन्च पैड हैं। लगभग 740 किमी लंबी एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर भी पाकिस्तानी फौज की तैनाती बढ़ाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने अरब सागर में फायरिंग एक्सरसाइज भी शुरू कर दी है।
लेकिन पाकिस्तान का मानना है कि अभी भारत की ओर से जमीनी सैन्य कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जाएगा। पाक ने सभी 20 कॉम्बैट फाइटर जेट स्क्वाड्रन को हाई अलर्ट पर रखा है। आर्मी चीफ मुनीर ने बुधवार को भी कमांडरों की बैठक ली।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाएं। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ढाई घंटे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (CCS) चली।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ-साथ पूरे देश में आक्रोश है। केंद्र सरकार ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राज्यों में मृतकों की पार्थिव देह पहुंच रही है। वहां उनके अंतिम संस्कार कराए जा रहे हैं।
सैन्य कार्रवाई संभव
सूत्रों ने बताया कि राजनाथ के साथ सीडीएस व तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुखों की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले सैन्य कदमों पर चर्चा हुई। बाद में राजनाथ ने इन कदमों की जानकारी सीसीएस बैठक में पीएम मोदी व अन्य मंत्रियों के साथ साझा की। राजनयिक कदमों के अलावा पाकिस्तान को जल्द ही किसी सैन्य कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।