भयानक खतरे की ओर बढ़ता गीतांजलि भवन, कोरबा – प्रशासन की अनदेखी से हजारों जानें जोखिम में,देखिए विडिओ
कोरबा, 18 जुलाई: कोरबा शहर के हृदयस्थल में स्थित गीतांजलि भवन, जो करीब 40 साल पुराना है, अब एक गंभीर खतरे का केंद्र बन चुका है। भवन की जर्जर स्थिति और नींव की कमजोरी ने इसे किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बना दिया है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा भवन की संरचना से छेड़छाड़ ने स्थिति को और भी चिंताजनक बना दिया है।
भवन की हालत चिंताजनक
जानकारी के अनुसार, गीतांजलि भवन की दीवारें और कॉलम अब बेहद कमजोर हो चुके हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि कई दुकानदारों ने दुकानों के बीच की दीवारें तक गिरा दी हैं, जिससे भवन की नींव पर सीधा असर पड़ा है। बिना किसी तकनीकी अनुमति के की गई ये तोड़फोड़ न केवल अवैध है, बल्कि हजारों लोगों की जान के लिए खतरा भी बन चुकी है। शासन प्रशासन द्वारा गरीबो के बेजा कब्जा को हटाया जा रहा है किन्तू अमीरो द्वारा किये गये कब्जा को क्यो नही हटाया जाता।
प्रशासन का मौन क्यों?
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद भी प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। आरोप हैं कि कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव के चलते कार्यवाही से बच रहे हैं। यह लापरवाही आने वाले समय में किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।
समाधान की मांग
स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों की ओर से प्रशासन और सरकार से मांग की गई है कि:
तत्काल सुरक्षा मूल्यांकन कराया जाए।
भवन का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।
जिम्मेदार अधिकारियों और दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।