Thursday, April 24, 2025

पाली हत्याकांड में गिरफ्तारी पर रोक, हाईकार्ट ने दिया यह आदेश

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भाजपा उपाध्यक्ष भावनानी सहित मृतक रोहित के परिजनों को मिली राहत

बिलासपुर/कोरबा। बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
ने कोरबा जिले के सरायपाली परियोजना कोयला खदान क्षेत्र में हुए हत्याकांड के मामले में मृतक रोहित जायसवाल के परिजनों सहित भाजपा जिला उपाध्यक्ष व अन्य लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है। इनके विरुद्ध दर्ज कराई गई FIR में गिरफ्तारी पर आगामी आदेश तक रोक लगाने का निर्देश हाईकोर्ट ने जारी किया है।
घटना दिनांक 28 मार्च 2025 की रात 10 से 11 बजे के मध्य SECL कोरबा क्षेत्र की पाली ब्लॉक में संचालित सरायपाली परियोजना खदान क्षेत्र में कोयला लोडिंग को लेकर हुए विवाद में कोयला ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल पर जानलेवा हमला कर हत्या कर दी गई। इस मामले में जहां मृतक रोहित के भाई अनिल जायसवाल की रिपोर्ट पर रोशन सिंह ठाकुर सहित 16 लोगों के विरुद्ध पाली थाना में अपराध पंजीकृत किया गया जिसमें SECL सरायपाली परियोजना के सब एरिया मैनेजर सुरेंद्र सिंह चौहान भी शामिल हैं तो दूसरी तरफ रोशन सिंह ठाकुर के परिवार से श्रीमती संध्या ठाकुर के द्वारा रोहित जायसवाल के परिजनों व परिचितों सहित भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी के विरुद्ध तोड़फोड़, आगजनि व अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया गया। गैर जमानती धाराओं में दर्ज कराए गए अपराध के बाद इन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया। इस आवेदन/याचिका पर विचारण उपरांत सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा व अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने राहुल जायसवाल उर्फ ​​अंकुश जायसवाल पुत्र उमाशंकर जायसवाल, कन्हैया जायसवाल उर्फ ​​कृष्ण कुमार पुत्र विजय प्रकाश जायसवाल,अनिल कुमार जायसवाल पुत्र वेदप्रकाश जायसवाल, धर्मराज मरावी उर्फ ​​धरमू मरावी पुत्र रामभरोसे मरावी (हत्या का चश्मदीद) संजय भावनानी पुत्र नानकराम भावनानी, राजेश डोंगरे पुत्र स्व. रामखिलावन डोंगरे (प्रत्यक्षदर्शी) को राहत दी है।

याचिकाकर्ताओं के वकील धीरज कुमार वानखेड़े ने आवेदन प्रस्तुत किया कि सिर्फ प्रतिशोध में और दबाव की रणनीति के तहत आरोपी व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों के कहने पर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ मामला अपराध संख्या 115/2025 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं, जो याचिकाकर्ता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में प्रत्यक्षदर्शी हैं। यह तर्क भी दिया गया कि मामला अपराध संख्या 115/2025 के तहत एफआईआर दर्ज करने के बाद, बाद में मामला अपराध संख्या 116/2025, 117/2025, 118/2025 और 127/2025 के तहत 4 एफआईआर याचिकाकर्ताओं, मृतक अनूप उर्फ ​​रोहित जायसवाल की हत्या के प्रत्यक्षदर्शियों और साथ ही याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के खिलाफ दबाव की रणनीति के तहत दर्ज की गई है कि याचिकाकर्ताओं ने आरोपियों के घर जाकर उन्हें धमकाया और तोड़फोड़ की।
दोनों पक्ष को सुनने उपरांत न्यायाधीश ने निर्देशित किया कि शिकायतकर्ता, जो आरोपी संस्कार ठाकुर की मां है, को नियमानुसार पीएफ के भुगतान के लिए नोटिस जारी किया जाए। नोटिस तीन सप्ताह के भीतर वापस किया जाए। मामले को उसके बाद सूचीबद्ध करें। मामला सूचीबद्ध होने की अगली तारीख तक या सक्षम न्यायालय के समक्ष सीआरपीसी की धारा 173(2) के तहत पुलिस रिपोर्ट, यदि कोई हो, प्रस्तुत करने तक, जो भी पहले हो, याचिकाकर्ताओं, अर्थात् राहुल जायसवाल, अंकुश जायसवाल, कन्हैया जायसवाल, कृष्णा कुमार, अनिल कुमार जायसवाल, धर्मराज मरावी धर्मू मरावी, संजय भावनानी और राजेश डोंगरे की गिरफ्तारी दिनांक 29.03.2025 को पुलिस स्टेशन, पाली, जिला – कोरबा में पंजीकृत अपराध क्रमांक 0116/2025 के तहत दर्ज एफआईआर के अनुसरण में रोक रहेगी, बशर्ते कि याचिकाकर्ता जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे और जांच में सहायता के लिए बुलाए जाने पर उपस्थित होंगे।

प्रकरण में प्रतिवादी छत्तीसगढ़ राज्य सचिव, विभाग के माध्यम से
गृह, मंत्रालय, महानदी भवन, अटल नगर, नवा रायपुर, पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़, पुलिस मुख्यालय रायपुर, पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज, बिलासपुर, पुलिस अधीक्षक कोरबा, स्टेशन हाउस ऑफिसर पुलिस स्टेशन पाली, संध्या सिंह ठाकुर पत्नी तारेश्वर सिंह 45 वर्ष निवासी नया बस स्टैंड, पाली हैं।

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