Monday, June 9, 2025

शिवरीनारायण में पुलिस का बड़ा एक्शन: अवैध रेत से लदे दो हाईवा जब्त, छुड़ाने के लिए नेताओं की दौड़, TI की सख्ती के आगे सब फेल!

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जांजगीर-चांपा/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का कारोबार अपने चरम पर है। आरोप है कि यह सब खनिज विभाग के अधिकारियों की कथित मिलीभगत और संरक्षण में होता है। इस गोरखधंधे में राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की संलिप्तता भी समय-समय पर उजागर होती रही है।

पुलिस की दबिश: रात के अंधेरे में पकड़े गए अवैध रेत से भरे हाईवा

बुधवार की रात, शिवरीनारायण पुलिस ने अवैध रेत परिवहन के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। मुखबिर से सूचना मिली कि दो हाईवा ट्रक, जिनमें से एक पामगढ़ और दूसरा मस्तूरी क्षेत्र का बताया जा रहा है, नदी से अवैध रूप से रेत भरकर बिलासपुर की ओर जा रहे हैं। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी (TI) के निर्देश पर पुलिस टीम ने दोनों हाईवा ट्रकों को रोक लिया। जब चालकों से रेत परिवहन से संबंधित वैध दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई भी कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके बाद दोनों हाईवा को जब्त कर थाने में खड़ा करा दिया गया।

फर्जी रॉयल्टी का खेल: माफियाओं की चालाकी भी हुई उजागर

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की और कागजात मांगे, तो रेत माफियाओं ने चालाकी दिखाते हुए किसी अन्य स्थान की पुरानी रॉयल्टी पर्ची पेश कर दी। यह फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद मामला और भी गंभीर हो गया है। पुलिस अब इस फर्जीवाड़े की भी गहन जांच कर रही है और खनिज विभाग से संपर्क कर अग्रिम कार्रवाई की तैयारी में है।

नेतागिरी और दबाव की राजनीति: TI के आगे नहीं चली किसी की

हाईवा पकड़े जाने की खबर फैलते ही राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि वाहनों को छुड़ाने के लिए भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों के कई स्थानीय नेताओं ने थाना प्रभारी पर दबाव बनाने की भरपूर कोशिश की। फोन पर सिफारिशों का दौर चला और दादागिरी दिखाने का भी प्रयास किया गया। यहां तक कि पामगढ़ के एक कद्दावर नेता ने भी थाना प्रभारी को फोन कर वाहन छोड़ने का आग्रह किया। लेकिन, थाना प्रभारी ने किसी भी राजनीतिक दबाव के आगे झुकने से इनकार करते हुए स्पष्ट कर दिया कि अवैध परिवहन पर नियमानुसार कार्रवाई होगी और वाहन नहीं छोडे जांएगे

रिश्वत की पेशकश भी हुई नाकाम

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए हाईवा को छुड़ाने के लिए वाहन मालिकों और कुछ बिचौलियों ने प्रति वाहन 50 हजार रुपये तक की रिश्वत की पेशकश भी की। लेकिन, उनकी यह कोशिश भी नाकाम रही और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। इस घटना की चर्चा शिवरीनारायण में जोरों पर है।

खनिज विभाग की भूमिका पर फिर उठे सवाल

यह घटना एक बार फिर खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अवैध रेत खनन और परिवहन को रोकने की प्राथमिक जिम्मेदारी खनिज विभाग की होती है, लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि विभाग के अधिकारी या तो निष्क्रिय रहते हैं या उनकी कथित मिलीभगत से यह अवैध कारोबार फलता-फूलता रहता है। यही कारण है कि पुलिस को आगे आकर इस तरह की कार्रवाई करनी पड़ रही है।

कार्रवाई से माफियाओं में हड़कंप

शिवरीनारायण थाने में अवैध रेत से भरे हाईवा पकड़े जाने की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। थाने के आसपास लोगों और मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लग गया। पुलिस की इस सख्त कार्रवाई से रेत के अवैध कारोबार में लिप्त माफियाओं और तथाकथित छुटभैये नेताओं में दहशत का माहौल है, जिनकी धौंसपट्टी अब काम नहीं आ रही। पुलिस मामले की गहन विवेचना कर रही है।

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