रायपुर। छत्तीसगढ़ वन एवं जलवायु विभाग में वनरक्षक भर्ती घोटाले को लेकर विधानसभा में सवाल उठाए गए हैं। विधायक श्रीमती चातुरी नंद ने विधानसभा सचिवालय को ध्यानाकर्षण सूचना भेजते हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
– वन विभाग द्वारा मई 2024 में 1484 वनरक्षक और 144 ड्राइवर पदों के लिए भर्ती विज्ञप्ति जारी की गई थी।
– 4.32 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, और फिजिकल टेस्ट 16 नवंबर से सभी जिलों में शुरू हुआ।
– फिजिकल टेस्ट में डिजिटल डिवाइस का उपयोग अनिवार्य था, लेकिन कई जिलों में नियमों को ताक पर रखकर टेस्ट मैनुअल तरीके से कराए गए।
– दंतेवाड़ा, सरगुजा और कवर्धा जैसे जिलों में कई उम्मीदवारों को बिना डिवाइस पहने ही फिजिकल टेस्ट में पास कर दिया गया।
– कुछ जिलों में रात के अंधेरे में ही फिजिकल टेस्ट करा दिया गया, जो नियमों का खुला उल्लंघन है। वन विभाग भर्ती घोटाले की गूंज विधानसभा में, उच्च स्तरीय जांच की मांग
डिजिटल डिवाइस घोटाला!
– नवंबर 2024 में “टाइमिंग टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” को 224 रुपये प्रति उम्मीदवार के हिसाब से टेंडर दिया गया।
– कंपनी के डिवाइस कई जिलों में काम नहीं कर रहे थे, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
– बगैर काम किए कंपनी को 10 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। वन विभाग भर्ती घोटाले की गूंज विधानसभा में, उच्च स्तरीय जांच की मांग
नौकरी की आस लगाए बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा!
– वरिष्ठ अधिकारियों ने शासन को बिना जानकारी दिए नियमों में बदलाव कर करोड़ों का घोटाला किया।
– गरीब बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया।
– भर्ती प्रक्रिया में ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ।
– इस घोटाले को लेकर युवाओं और आम जनता में भारी आक्रोश है। वन विभाग भर्ती घोटाले की गूंज विधानसभा में, उच्च स्तरीय जांच की मांग
अब क्या होगा आगे?
– विधानसभा में इस मामले पर जोरदार बहस होने की संभावना है।
– विधायक चातुरी नंद ने उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
– सरकार से जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। वन विभाग भर्ती घोटाले की गूंज विधानसभा में, उच्च स्तरीय जांच की मांग