UPI Transaction : नई दिल्ली: देशभर में यूपीआई (UPI) सिस्टम में लगातार तकनीकी खामियों और आउटेज की घटनाओं ने आम लोगों को परेशान कर दिया है। लेन-देन के दौरान रुकावट के कारण उपभोक्ताओं और व्यापारियों को आर्थिक असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में यूपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर की मौजूदा चुनौतियों और भविष्य की जरूरतों पर चर्चा हुई।
UPI Transaction : 1 अरब ट्रांजैक्शन प्रतिदिन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य
बैठक में वित्त मंत्री ने साफ कहा कि सरकार का उद्देश्य आने वाले 2 से 3 वर्षों में प्रतिदिन 1 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन तक पहुंचना है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि यूपीआई के संचालन में आने वाली बाधाओं को जल्द से जल्द दूर किया जाए, ताकि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
UPI Transaction : हालिया आउटेज की पृष्ठभूमि
यह बैठक तीन बड़े तकनीकी आउटेज के बाद बुलाई गई थी — 26 मार्च, 2 अप्रैल और 12 अप्रैल को यूपीआई सेवाएं देशभर में बाधित हो गई थीं, जिससे करोड़ों यूजर्स प्रभावित हुए थे। बैठक में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याएं दोहराई न जाएं।

UPI Transaction : वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस महत्वपूर्ण बैठक में वित्त सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू और NPCI के MD और CEO दिलीप असबे जैसे शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों ने यूपीआई नेटवर्क को अधिक मजबूत, स्थिर और स्केलेबल बनाने पर जोर दिया।
UPI Transaction : रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और यूजर बेस में इजाफा
NPCI के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 से 2024-25 के बीच यूपीआई से 26 करोड़ नए यूजर्स और 5.5 करोड़ व्यापारी जुड़े हैं। अब केंद्र सरकार और NPCI की योजना है कि रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू करके किसी भी संभावित रुकावट की तुरंत पहचान और समाधान किया जा सके।
UPI Transaction : नए ऐप्स की बढ़ती उपस्थिति
यूपीआई बाजार में Super.Money, Navi, BHIM और CRED जैसे ऐप्स तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं। ये ऐप्स कैशबैक, ऑफर्स और सुविधाजनक इंटरफेस के जरिए यूजर्स को आकर्षित कर रहे हैं। मार्च 2025 तक इन ऐप्स की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 4% तक पहुंच गई है, जो अक्टूबर 2024 में केवल 2.3% थी।

UPI Transaction : PhonePe और Google Pay का दबदबा बरकरार
हालांकि, अब भी PhonePe और Google Pay का बाजार पर दबदबा कायम है। दोनों मिलकर करीब 82% बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा जमाए हुए हैं। सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद सिस्टम में तकनीकी स्थिरता, भरोसेमंद सेवा और यूजर फ्रेंडली अनुभव बना रहे।