स्थान: छत्तीसगढ़, कोरबा
रिपोर्टर: विशेष जे बी न्यूज़
[दिनांक: 5 मई 2025]
छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी मानी जाने वाली हसदेव नदी इन दिनों अवैध बालू खनन का शिकार बन चुकी है। दिन-रात ट्रैक्टरों के माध्यम से बालू की चोरी की जा रही है और प्रशासन पूरी तरह मौन नजर आ रहा है।
इस गोरखधंधे का जीवंत खुलासा पत्रकार मनीष जायसवाल ने अपने लाइव कवरेज के माध्यम से किया, जिसमें उन्होंने कैमरे के सामने उन ट्रैक्टरों को रिकॉर्ड किया जो लगातार नदी से बालू निकाल रहे थे। लाइव वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह बिना किसी वैध अनुमति के रेत खनन किया जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह काम कई हफ्तों से जारी है और एक संगठित गिरोह इसमें संलिप्त है। “रात हो या दिन, ट्रैक्टर लगातार चलते हैं। हमें डर है कि अगर यही चलता रहा तो नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा,” एक ग्रामीण ने कहा।
इस पूरे मामले को लेकर जब सरपंच से सवाल पूछा गया तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। वहीं, खनन विभाग की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
पर्यावरणविदों का कहना है कि इस तरह का खनन न केवल नदी की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि भविष्य में बाढ़ और जल संकट जैसे गंभीर खतरे भी पैदा कर सकता है।
निष्कर्ष:
हसदेव नदी से हो रही बालू की यह चोरी अगर अब भी नहीं रुकी, तो यह क्षेत्र एक गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक संकट की ओर बढ़ जाएगा। पत्रकार मनीष जायसवाल की इस रिपोर्ट से एक बार फिर साबित होता है कि मीडिया की निगाहें यदि सजग हों, तो सच्चाई सामने आ ही जाती है।