सरगुजा। कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमले के 12 साल पूरे होने पर कांग्रेस ने शहीद दिवस मनाया। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि, झीरम घाटी हत्याकांड सुनियोजित राजनीतिक षड़यंत्र था। वे यात्रा के प्रभारी थे, लेकिन एनआईए ने उनका बयान नहीं लिया।
कांग्रेस कार्यालय अंबिकापुर में झीरम घाटी हमले में मारे गए नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। 25 मई 2013 को बस्तर से निकली परिवर्तन यात्रा के काफिल पर नक्सलियों ने झीरम घाटी पर हमला किया था। सभी बड़े नेताओं को गोली मार दी थी। हमले के कुछ देर पहले ही परिवर्तन यात्रा के संयोजक टीएस सिंहदेव का काफिला झीरम घाटी से गुजरा था।

कांग्रेस नेताओं को दी गई श्रद्धांजलि
राजनैतिक साजिश के कारण हत्याकांड
टीएस सिंहदेव ने कहा कि, यह घटना सुनियोजित तरीके से जान लेने का हिस्सा है। यह नक्सली हमला नहीं था। जब घायल जगदलपुर हॉस्पिटल लाए गए तो छह-आठ लोगों ने बताया कि हमलावर पूछ रहे थे कि नंद कुमार पटेल कौन हैं। अगर एक व्यक्ति के नाम पर सवाल किया जा रहा था तो यह नक्सली हमला नहीं हो सकता।

नक्सलियों ने कुछ षडयंत्र के आधार पर नंद कुमार पटेल को मारने के उद्देश्य से ही यह घात किया, जिसमें कई लोगों की जान गई। कई बार मैंने सार्वजनिक पटल पर इस बात को रखा। जांच कमेटी के सामने भी इस बात को रखा।
कांग्रेस की श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित पदाधिकारी
NIA ने नहीं बुलाया
टीएस सिंहदेव ने कहा कि, NIA ने मुझे नहीं बुलाया, जबकि बुलाना चाहिए था। मैं इस यात्रा का प्रभारी था। उस समय की सरकार ने जो जांच के पॉइंट दिए थे, उसमें यह बात नहीं थी कि उस दिन उस मार्ग पर फोर्स या अर्धसैनिक बल तैनात क्यों नहीं थे। रोड ओपनिंग पार्टी तैनात क्यों नहीं थी। सुरक्षा की जवाबदेही किसकी थी।
सिंहदेव ने कहा कि जांच को भ्रमित किया गया। किसके आदेश पर दो दिन भरपूर सुरक्षा के बाद तीसरे दिन क्यों सुरक्षा हटाई गई? इस मसले को लेकर उमेश पटेल के साथ तत्कालीन CM रमन सिंह से भी मिला था। उन्होंने कुछ नहीं किया।
सिंहदेव ने कहा कि हमले में 33 लोगों की हत्या की गई थी। यह सीधे तौर पर राजनैतिक साजिश थी। इसका उद्देश्य विधानसभा चुनाव के परिणाम को कांग्रेस के पक्ष में आने से रोकना था।
ये रहे मौजूद
कांग्रेस की श्रद्धांजलि सभा को टीएस सिंहदेव के अलावे कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, शैलेंद्र प्रताप सिंह, मदन जायसवाल, अशफाक अली ने भी संबोधित किया। सभा में बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद रहे।