Tuesday, June 10, 2025

40 लाख चुराने घर में घुसे थे बदमाश बुजुर्ग भाई-बहन ने देखा तो मार डाला

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खुलासा,21 जनवरी 2025: झांसी में आरपीएफ ने ट्रेन से दो आरोपियों को पकड़ा, मदद करने वाली युवती भी गिरफ्तार हटरी में 13 जनवरी को बुजुर्ग भाई-बहन की घर में घुसकर हत्या के मामले में पुलिस ने दो युवकों व उनकी भागने में मदद करने वाली युवती को पकड़ लिया है। पूछताछ में पता चला है कि बुजुर्ग सीताराम के रिश्ते के भाई ने अपनी जमीन बेची थी।

आरोपियों को लगा कि जमीन बेचने पर मिले 40 लाख रुपए सीताराम के घर में हैं। उसे चोरी करने वे मकान में घुसे थे। इस दौरान सीताराम व उनकी बहन ने दोनों को देख लिया। तब उन्होंने दोनों की हत्या कर दी। रायगढ़ पुलिस की सूचना पर झांसी में आरपीएफ ने गोंडवाना एक्सप्रेस से दो आरोपियों को पकड़ा लिया।

सोमवार को पुलिस आरोपियों को लेकर रायगढ़ पहुंची। मामले में आरोपियों से पूछताछ जारी है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक चोरी के उद्देश्य से घुसे दो युवकों ने दोनों भाई-बहन की हत्या की थी। हत्या के मामले में परिजन की भूमिका से इनकार किया गया है लेकिन निजी संबंध और रुपयों का लेन-देन इसकी वजह बताई जा रही है। दरअसल इलेक्ट्रिशियन रहे सीताराम जायसवाल(72) और उनकी बहन अन्नपूर्णा(68) साल की हत्या कर दी गई थी।

हत्यारों ने रॉड से सिर पर वार करके जान ली थी। 13 जनवरी दोपहर 12 बजे के करीब रिश्तेदार के घर पहुंचने के बाद दोनों के शव मिले थे। पुलिस इसमें परिजन के हत्या में शामिल होने, संपत्ति विवाद, अनैतिक संबंध जैसे एंगल पर जांच कर रही थी। कुछ संदेहियों से भी पूछताछ की जा रही थी। इसमें सीताराम के रिश्ते के भाई अशोक जायसवाल से भी पूछताछ की गई थी। किशन और अतुल दोनों को लगता था कि जमीन बेचने पर मिले नकद रुपए अशोक ने हटरी वाले घर में रखे हैं। एक तो इन्हें खुन्नस थी कि दलाली के ढाई बोलकर डेढ़ लाख ही दिए।

दूसरा इन्हें लगा कि यदि घर में घुसकर चोरी की जाए तो उन्हें जमीन बेचकर अशोक को मिले नकद 40-45 लाख रुपए भी मिल जाएंगे। इसके बाद किशन और अतुल ने 12-13 जनवरी की मध्य रात्रि रेकी कर सुनिश्चित किया कि घर में सीताराम और अन्नपूर्णा के अलावा कोई नहीं है। दोनों बुजुर्ग हैं। दोनों चोरी के लिए यहां रुपए तो मिले नहीं, दोनों बुजुर्गों ने उन्हें देख लिया। बाद में दिक्कत न हो इसलिए दोनों की हत्या कर दी।

हत्या की बात स्वीकार की झांसी आरपीएफ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि रायगढ़ पुलिस ने डबल मर्डर के आरोपियों के गोंडवाना एक्सप्रेस से भागने की सूचना दी थी। जैसे ही गोंडवाना एक्सप्रेस झांसी स्टेशन पर पहुंची, आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई। इस दौरान ट्रेन झांसी से चल पड़ी। आरपीएफ की विशेष टीम यात्रियों के बीच उन्हें तलाशती रही। झांसी-ग्वालियर के बीच गोंडवाना एक्सप्रेस के सबसे पीछे लगी सामान्य बोगी में संदिग्ध अवस्था में छिपकर बैठे 2 युवक व एक युवती को आरपीएफ ने हिरासत में ले लिया।

रायगढ़ पुलिस से मिले फोटो से उनका मिलान किया गया तो पुष्टि हो गई। तीनों को झांसी आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया। ये तीनों लोग रायगढ़ निवासी किशन शर्मा, अतुल कुमार और युवती दिव्या सारथी थे। दिव्या किशन की मंगेतर बताई जा रही है। इन्होंने चोरी के लिए घर में घुसने और फिर हत्या करने की बात मानी। जांच में लगी रायगढ़ पुलिस की टीम के एक सदस्य ने बताया कि दिव्या ने आरोपियों को भागने में मदद की।

आरोपियों ने ऐसे बनाई घर में लूट की योजना

बेटे और अशोक पर था संदेह हत्या के बाद पुलिस की पूछताछ में पता चला कि कभी कभार सीताराम का बेटा घर आता था, सम्पत्ति और दूसरी बातों को लेकर वह पिता से झगड़ता था। वहीं अन्नपूर्णा और गीता के साथ रहने वाला अशोक यहां आता था। शक यह भी हुआ कि कहीं सीताराम की सम्पत्ति हड़पने के लिए अशोक ने तो उसकी और अन्नपूर्णा की हत्या नहीं करा दी। पुलिस को लूट मामले का शक इसलिए नहीं था क्योंकि सीताराम की माली हालत ठीक नहीं थी, उसके घर चोरी की थ्योरी संभव नहीं लग रही थी। हालांकि पुलिस की सोमवार को पूछताछ में कुछ और तथ्य सामने आ सकते हैं।

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