कोरबा 3 जून। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी कोरबा में दो बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई है। प्रबंधन दोनों बांग्लादेशी घुसपैठियों के संबंध में विस्तृत और सूक्ष्म जांच कर रहा है।
भरोसे मानसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएसईबी में दोनों बांग्लादेशी घुसपैठिये मजदूर के रूप में लंबे समय से काम कर रहे हैं। लेकिन उनकी पहचान अब जाकर हुई है। मामले का खुलासा होते ही सीएसईबी में हड़कंप मच गया। प्रबंधन मामले की भीतर ही भीतर जांच कर रहा है। प्रबंधन की ओर से मामले को गोपनीय रखने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है। यही वजह है कि मामला अभी तक सार्वजनिक नहीं हो पाया है।
आपको बताते चलें कि खास कोरबा शहर में लंबे समय से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानो के मौजूदगी की सरगर्म चर्चा सुनने में आती रही है। कटघोरा वन मंडल क्षेत्र में जंगल के भीतर भी समुदाय विशेष के लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर पिछली सरकार के दौरान बेजा कब्जा कर स्थाई ठिकाना बना लेने की खबरें भी मिलती रही हैं। खास कोरबा शहर के राताखार वार्ड में कई एकड़ सरकारी जमीनों की अवैध रूप से खरीदी बिक्री किए जाने के साथ ही यह भी खबर मिली है कि यहां पर बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के लोगों ने बाहर से आकर जमीनों की अवैध खरीदी की है और उन पर मकान का निर्माण कर लिया है।
एक और जहां पूरे देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की तलाश कर उन्हें डिपोर्ट करने की कार्रवाई की जा रही है, वही कोरबा जिले में अभी तक बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं की पहचान के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों का कहना है कि खास कोरबा शहर में सघन जांच अभियान चलाने पर बड़ी संख्या में घुसपैठियों और गैर प्रांतीय अपराधी तत्वों का पता चल सकता है।