कोरबा 2 अगस्त। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में ग्राम पंचायत की लापरवाही और कथित रिश्वतखोरी ने एक ही परिवार की जिंदगी उजाड़ दी। पाली थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत खोडरी के आश्रित गांव बनवार में मंगलवार सुबह मनरेगा योजना के तहत बने एक कुएं के धंसने से पिता, मां और बेटे की मौत हो गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के 26 घंटे बाद तीनों के शव मलबे से निकाले गए। मृतकों की पहचान रामधनी श्रीवास, उनकी पत्नी मंगली बाई और बेटे विनोद श्रीवास के रूप में हुई है। परिजनों ने ग्राम पंचायत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
रिश्वत देने के बाद भी नहीं मिली मजदूरी की राशि
मृतक के बेटे जीवन राम श्रीवास ने बताया कि मनरेगा के तहत उनके खेत में कुआं निर्माण के लिए 2.60 लाख रुपये की स्वीकृति मिली थी। सामान खरीदने के लिए कुछ पैसे मिले, लेकिन मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। जब उन्होंने रोजगार सहायक शिवकुमार से राशि दिलवाने की मांग की, तो उसने 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी। मजबूर होकर उनके पिता ने खेत गिरवी रखकर पैसे दिए, लेकिन फिर भी मजदूरी नहीं मिली। जीवन राम ने आरोप लगाया कि गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया था। घटिया सीमेंट और छड़ों के इस्तेमाल की वजह से कुआं कमजोर हो गया था। अगर निर्माण सही तरीके से हुआ होता, तो आज उसके माता-पिता और भाई जिंदा होते।
घटना के समय कुएं से निकाल रहे थे मोटर
परिवार के सदस्य सुबह मोटर निकालने कुएं पर गए थे। इसी दौरान कुएं का एक बड़ा हिस्सा अचानक धंस गया और तीनों लोग मलबे में दब गए। मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू करवाया, लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद उन्हें जीवित नहीं बचाया जा सका।